hindi kahaniya story - An Overview

हिंदी कहानी सुनाओ

अपने होठ चाट रहा था. उसके भोजन की घड़ियाँ बीत रही थी, कुछ ही देर में कोई पशु नही आया तो वह शिकार को चल पड़ेगा.

महात्मा जी ने इस समस्त कार्यवाही का उद्देश्य केवल यही था कि दोनों का क्रोध कुछ कम हो जाए, ताकि उन्हें समझाया बुझाया जा सके और हुआ भी यही.

महात्मा जी की बात सुनकर दोनों भाई बड़े लज्जित हुए और महात्मा जी के चरणों में गिर पड़े.

मेरी पुत्री विवाह योग्य हो गईं है और मुझें उसके विवाह की चिंता है, लेकिन मेरे पास पर्याप्त धन नही है.

उसने संदेश भिजवाया कि जिस व्यक्ति ने मेरे प्रश्नों को हल किया हैं, उससे हम अपनी कन्या का विवाह करना चाहते हैं.

अगले दिन भी सेठ लड़के की उस बात को नही भूल पाया, उसने तुरंत लड़के को बुलाया और कल रात के स्वप्न की बात फिर पूछी- लड़का इस बार भी वह बात टाल गया.

एक बार तीन दोस्त किसी शहर की मुख्य सड़क से होकर गुजर रहे थे.

झट स्वय को नियंत्रित किया और सोचने के लिए अपनी तलवार वापिस खिची तो पास ही रखे बर्तन से टकरा गईं, बर्तन की आवाज सुनते ही उसकी पत्नी की नीद खुल गईं.

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सोने की बात सुनकर उस पीले खेत के मालिक की आँखे चौधिया सी गयी.

वहां उसने एक बेल पर अंगूर लगे देखे तो लोमड़ी के मुह पानी आ गया.

हंसो हंसाओ,,,,लाइफ बनाओ अनिल कुमार लववंशी "पा ग ल"

दोनों भाई घर गये और अपने अपने घर से भोजन बनवाकर ले आए. महात्मा जी ने उन दोनों को बैठने के लिए कहा. तत्पश्चात उन्होंने भोजन के तीन भाग किए और दोनों भाइयों को भोजन करने का आदेश देकर भोजन करने लगे.

कुरज की यह करुण विनती सुनकर उदरे का ह्रदय फट सा गया. उसकी आँखों में आंसू छलछला से गये. खेत के लोभी मालिक पर उसे बहुत गुस्सा आया,फिर भी उसने संयत स्वर में उससे विनती की- यदि तू इस कुरज को छोड़ दे तो मै तुम्हे एक सोने की माला दूंगा. पुरे एक सौ आठ मनको की.

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